गांधीनगर- गुजरात की राजधानी
साबरमती नदी के पश्चिमी तट पर स्थित गांधीनगर गुजरात की नवीनतम राजधानी है। आज़ादी के बाद 1960 में जब मुम्बई को महाराष्ट्र और गुजरात में विभाजित किया गया, तब गांधीनगर को गुजरात की राजधानी चुना गया। सभी क्षेत्रों, सड़कों, बाज़ारों और आवासीय इलाकों की उचित व्यवस्था के साथ गांधीनगर वास्तुकला के रूप में भी एक सुनियोजित शहर है। इस सुव्यवस्थित शहर की योजना और निर्माण दो भारतीय आर्किटेक्ट एच.के. मेवाड़ और प्रकाश एम आप्टे के मार्गदर्शन में हुआ था। चंडीगढ़ के बाद गांधीनगर भारत का दूसरा सबसे अधिक सुनियोजित शहर है।
गांधीनगर में और आसपास के पर्यटन स्थान
गांधीनगर में और आसपास के पर्यटन स्थान महात्मा मंदिर, अक्षरधाम मंदिर, इंड्रोडा डायनासोर और जीवाश्म पार्क और सरिता उद्यान गांधनगर में देखने योग्य कुछ स्थान हैं। महात्मा मंदिर एक कनवेंशन सेंटर है जहाँ बापूजी के जीवन और साहित्य की पूरी जानकारी है।
वांकानेर – निहारने लायक अद्भुत दर्शनिय स्थल
वांकानेर का नाम इसके लोकेशन पर पड़ा। यह मच्छु नदी के पानी या ‘नेर’ के मोड़ या ‘वांका’ पर स्थित है। वांकानेर झाला राजपूतों द्वारा शाशित राजसी राज्य था इसलिए इसे झालावर के नाम से भी जाना जाता है। महाराजा अमरसिंह जी वह शाशक थे जिनके काल में वांकानेर एक व्यवस्थित और विकासशील राज्य बना। वह कला और शिल्प के महान संरक्षक थे।
वांकानेर और उसके आस पास के दार्शनिक स्थल
रणजीत विलास महल को महाराजा अमरसिंह जी ने बनवाया था जो आज की तारीख में शाही परिवार को अधिकृत है। इस महल में कई शिल्प के तरीकों को इस्तमाल में लाया गया है। गोथिक मेहराब और स्तंभ, संगमरमर की बालकनी, मुग़ल डोम वाला क्लॉक टावर, फ्रांसीसी और इटालियन स्टाइल की खिड़की का शीशा यह बताने के लिए काफी है कि कैसे दुनिया के कई जगह की बेहतरीन स्टाइल को एक साथ एक जगह लाया जा सकता है।
पालनपुर – एक राजसी एकांतवास
राजा प्रहलादन द्वारा स्थापित और परमार राजपूत साम्राज्य का एक हिस्सा, पालनपुर वर्तमान में बनसकंठा जिले का मुख्यालय है। एक समय में अंग्रेजों के शाशन काल में लोहानी अफ़ग़ान के अधीन यह गुजरात के राजसी रियासत के तौर पर मशहूर था। उस समय पालनपुर एजेंसी ने गुजरात- राजस्थान बॉर्डर पर कुछ राज्यों को अपने अन्दर सम्मिलित कर लिया था। इस जगह के एक तरफ अरावली रेंज है और दूसरी तरफ साबरमती नदी है। इस शहर में एक किला हुआ करता था जिसके सात द्वार थे पर वर्तमान में यह जीर्ण-शीर्ण हालत में है। शिमला गेट, दिल्ली गेट, मीरा गेट और गथामन गेट उन सात गेट में से कुछ गेट हैं। ऐतिहासिक स्मारक जैसे कीर्तिस्तंभ, जोरावर महल, बलराम महल पालनपुर के बीते हुई गौरव का संस्मरण है।
पालनपुर और उसके आस पास के दर्शनीय स्थल
इस जगह पर हिन्दू और जैन धर्म के कई मंदिर हैं। पल्लाविया पार्श्वनाथ मंदिर या मोटू देरासर जिसे राजा प्रह्लादन ने बनवाया और नानू देरासर, पालनपुर के महत्वपूर्ण जैन मंदिर हैं। कीर्तिस्तंभ के पास स्थित पातालेश्वर महादेव मंदिर और मोटा रामजी मंदिर हिन्दू धर्म के मंदिर हैं। पालनपुर से काफी पास कुछ हिन्दू मंदिर हैं अम्बाजी मंदिर, केदारनाथ महादेव मंदिर और बलराम महादेव मंदिर।
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