आपको विभिन्न धर्मों से जोड़ेगी अयोध्या के इन 10 दर्शनीय स्थलों की यात्रा

  1. कनक भवन
    जैसा की आप नाम से समझ पा रहे होंगे कि यह कनक अर्थात् सोने से बना है, इसलिए इसे “सोने का घर” भी कहा जाता है। मंदिर में भगवान राम व सीता की बेहद खूबसूरत प्रतिमा है जिनके सिर पर सोने का ताज स्थापित है। मूर्ति देखकर ही आप इसकी महीन कलाकारी के मुरीद हो जाऐंगे। इस भवन के एक हिस्से में गीत-संगीत का अद्भुत प्रदर्शन किया जाता है जो यहाँ का मुख्य आकर्षण है और इसी कारण यहाँ यात्रियों की भारी भीड़ बनी रहती है।
  2. हनुमान गढ़ी
    अवध के नवाब द्वारा बनवाया गया यह हनुमान मंदिर पर्वत की चोटी पर स्थित है जहाँ तक पहुँचने के लिए आपको 76 सीढ़ियाँ चढ़कर जाना होगा। मंदिर में भगवान राम की 6 इंच की मूर्ति है व हनुमान की उनकी माँ के साथ भी मूर्ति है। हनुमान भक्तों के लिए यह उचित स्थान है जहाँ आकर आप धार्मिकता के साथ-ही-साथ पहाड़ों के आसपास का मनोरम नज़ारा भी देख पाऐंगे। कहा जाता है कि लोग यहाँ अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करने व अपने पापों का प्रायश्चित करने आते हैं।
  3. गुलाब बढ़ी
    खूबसूरती में चार चाँद लगाता यह बगीचा आपको अनेक प्रकार के गुलाबों से रूबरू करवाएगा। कुछ लाल, कुछ सफ़ेद, कुछ गुलाबी, कुछ पीले – ऐसे ही और भी बहुत सारे गुलाब -ही-गुलाब। अपनी मदमस्त कर देने वाली महक से यह आपके अंतःकरण को भी सुगंधित कर देंगे। यह नवाब शुजा-ऊ-दौला का मकबरा है जिसमें यह बगीचा बनाया गया है। गुलाबों को पानी के फव्वारे के पास लगाया गया है। खिलते गुलाब के फूलों पर पड़ती फव्वारे के पानी की बूंदे एक अद्भुत नज़ारे को बिखेरी है जिन्हें बस मौका पाते ही समेट लेने का जी चाहता है।
  4. त्रेता के ठाकुर
    कहा जाता है कि भगवान राम ने यहाँ अश्वगंधा यज्ञ किया था और इसी जगह बाद में एक नया मंदिर बनाया गया। मंदिर में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न आदि की मूर्तियां स्थापित की गई है। असली मूर्तियों को भी यहाँ सहेज के रखा गया है जो केवल एक काले पत्थर से बनाई गई है। यह कलाकारी का बेहद अच्छा नमूना है।
  5. सीता की रसोई
    राम जन्मस्थान के उत्तर-पश्चिमी तरफ यह स्थित है। यह एक मंदिर है जिसे रसोई में तब्दील किया गया है। सीता को अन्नपूर्णा व अन्न की देवी कहा जाता है इसी मानसिकता को ध्यान में रखते हुए इसका निर्माण किया गया है। मंदिर के एक हिस्से में भगवान राम व उनके भाईयों व उनकी पत्नियों की मूर्तियां है। राम-सीता, लक्ष्मण-उर्मिला, भरत-मांडवी, शत्रुघ्न-श्रुताकीर्ति सभी की अपने जोड़े के साथ प्रतिमाएँ आपको यहाँ देखने को मिलता है।
  6. तुलसी स्मारक भवन संग्राहलय
    यह संग्राहलय गोस्वामी तुलसी दास की स्मृति में बनवाया गया है। साहित्य आदि में रुचि रखने वालों को यहाँ अवश्य आना चाहिए क्योंकि यहाँ एक लाईब्रेरी है जो साहित्य के इतिहास से आपको रूबरू करवाएगी। यह एक अनुसंधान केंद्र भी है जहाँ अयोध्या के साहित्य, संस्कृति और आध्यात्मिक विषयों पर खोज की जाती है।
  7. बहू बेगम का मकबरा
    इस मक़बरे को “पूर्व का ताजमहल” भी कहा जाता है। यह मकबरा नवाब शुजा-ऊ-दौला की पत्नी उनमतुज्ज़ौरा बानो की स्मृति में बनवाया था। यह पूरे फैज़ाबाद का सबसे ऊँचा ऐतिहासिक स्थल है जो अवधी वास्तुकला द्वारा बनाई गई है। यहाँ रानी की समाधि को स्थापित किया गया है। ताजमहल से मिलते-झुलते इतिहास के कारण इसे ताजमहल के नाम से संबोधित किया जाता है।
  8. रामकथा पार्क
    यह पार्क बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है जहाँ आपको आध्यात्मिकता, सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यक्रम, नाच-गाना व कविता, कथाऐं ये सभी यहाँ का हिस्सा है। यात्री यहाँ आकर बहुत रोमांचित महसूस करते है। यहाँ राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के कलाकारों को अपने सितारे चमकाने का मौका दिया जाता है। शाम के वक्त बच्चों के लिए मैदान व व्यस्कों.के लिए बगीचे भी यहाँ उपस्थित हैं।
  9. मोती महल
    यह बेगम उनमतुज्ज़ौरा का निवास स्थान है जो अयोध्या से कुछ किमी की दूरी पर स्थित है। मुगल वास्तुकला का इस्तेमाल करके इसके हर हिस्से को बखूबी से उकेरा गया है जिसमे नवाबी संस्कृति की छुअन सम्मिलित है। रोज़ाना यहाँ बहुत से पर्यटक आते है जिसमे सिर्फ भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। अपनी कलात्मक शैली के लिए यह बेहद प्रसिद्ध है। यह सबसे उत्तम अयोध्या दर्शनीय स्थल है।
  10. राजा मंदिर
    यह मंदिर सरयूँ नदी के तट पर स्थित है। मंदिर में बहुत से देवी-देवताओं की सुंदर प्रतिमाएँ स्थापित की गई है। आप एक ही जगह पर एक ही साथ अनेकों भगवान के साक्षी बन सकते हैं। हिंदू वास्तुकला का सबसे अच्छा उदाहरण आपको यहाँ आकर देखने को मिलेगा! आप भक्ति -भाव में लीन हो जाऐंगे। नदी के किनारे बसा होने के कारण आपको एक रमणीय नज़ारा देखने का अवसर भी प्राप्त होगा।

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