ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है आंध्र प्रदेश का चित्तूर
आंध्र प्रदेश में स्थित चित्तूर न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है बल्कि यहां पर कुछ सबसे खूबसूरत दृश्यों का बसेरा भी है। संस्कृति और परंपराओं से समृद्ध चित्तूर प्राकृतिक और स्थापत्य कला का एक सहज समागम है। इस जगह पर कई सुंदर अभयारण्य और वास्तुशिल्प देखने को मिलते हैं। तो चलिए जानते हैं चित्तूर के दर्शनीय स्थलों के बारे में।
चित्तूर कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग द्वारा: चित्तूर में कोई हवाई अड्डा नहीं है लेकिन इस शहर का निकटतम हवाई अड्डा यहां से 57 किमी की दूरी पर स्थित है। शहर तक पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा तिरुपति हवाई अड्डा है जो आंध्र प्रदेश के तिरुपति में स्थित है।
रेल मार्ग द्वारा: चित्तूर का नजदीकी रेलवे स्टेशन चित्तूर जंक्शन है। इस शहर तक पहुंचने का सबसे अनुकूल मार्ग ट्रेन ही है। ये स्टेशन भारत के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और यहां पर नियमित ट्रेनें आती हैं।
सड़क मार्ग द्वारा: भारत के अन्य प्रमुख शहरों से चित्तूर के लिए नियमित बसें आती हैं। इसका बस टर्मिनल देश के अन्य हिस्सों से इसे जोड़ता है।
चित्तूर आने का सही समय
चित्तूर की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय सितंबर से फरवरी में सर्दियों के महीनों में है। इस समय यहां का तापमान औसतन 20 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।
गुर्रमकोंडा किला
विजयनगर साम्राज्य से संबंध रखने वाला यह किला 500 फीट की ऊंची चोटी पर बनाया गया है। यूं यह किला शुरूआत में मिट्टी और चट्टान से निर्मित किया गया था, लेकिन बाद में गोलकोंडा सुल्तानों ने जब इस किले पर शासन किया तो उन्होंने बेहद मजबूत चट्टानों से इसका निर्माण किया। कहा जाता है कि सुल्तान हैदर अली और टीपू सुल्तान भी इस किले पर शासन कर चुके हैं।
हॉर्सले हिल्स
‘हॉर्सले हिल्स’ चित्तूर आने वाले लोगों की लिस्ट में जरूर शामिल रहता है। नवविवाहित जोड़े अक्सर हॉर्सले हिल्स पर घूमने के लिए आते हैं। यहां आपको ट्रेकिंग के साथ-साथ छोटा सा चिड़ियाघर भी देखने को मिलेगा, जहाँ का पार्क बेहद खूबसूरत बनाया गया है।
कलावगुंटा
यह शहर एरगोन्डा और पोन्नायी नदियों के संगम पर बना हुआ है। यहां आपको प्राचीन काल के बेहद खूबसूरत मंदिर देखने को मिलेंगे, जो अपने स्थापत्य कला से आप का मन मोह लेंगे।
कौण्डिन्य वन्यजीव अभ्यारण्य
कौण्डिन्य सेंक्चुरी में आपको कोई सारे स्थानीय वन्यजीव देखने को मिलेंगे, जो लगभग विलुप्त प्राय हो गए हैं। यहाँ आपको हिमालयन काले भालू, स्लोथ बीयर, हाथी, हाइना, दरियाई घोड़े जैसे जानवर मिलेंगे।
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