बठिंडा पंजाब के सबसे लोकप्रिय और सबसे पुराने शहरों में से एक है। यह शहर मालवा क्षेत्र का दिल भी कहलाता है, इसका नाम 6 वीं शताब्दी के भाटी राजपूत राजाओं के नाम पर रखा गया था। पाकिस्तान सीमा से बठिंडा लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर है। यहीं पर एशिया की सबसे बड़ी सैनिक छावनी है। यहाँ की समृद्ध संस्कृति और विरासत को देखने के लिए भारत के ही नहीं विदेशों से भी पर्यटक आते हैं।
बठिंडा के आस पास के स्थान
बठिंडा अपने धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है क्योंकि यहाँ बहुत सारे मंदिर और गुरुद्वारें हैं। किला मुबारक इन सब में सबसे बड़ा आकर्षण है। यह किला छोटी ईंटों के इस्तेमाल से बनाया गया है, और अपने शानदार वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं। गुरुद्वारा लाखी जंगल साहिब देश भर में सिक्खों के लिए प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, और यह जंगल के बीच में स्थित है। इसके अलावा चेतक पार्क, दमदमा साहिब, बठिंडा झील, मैसर खाना, प्राणि उद्यान, धोबी बाजार और पीर हाजी रतन की मज़ार हैं जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। और अगर आप बठिंडा में एक शानदार जगह रहने के लिए चाहते हैं, तो आप बाहिया फोर्ट जा सकते है। यह फोर्ट पटियाला एस्टेट के महाराजा भूपिंदर सिंह ने 1930 के दशक में अधिकारी निवास के रूप में बनवाया था पर अब इसे चार सितारा होटल में परिवर्तित कर दिया गया है।
बठिंडा तक कैसे पहुंचे
बठिंडा दिल्ली से 326 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहाँ सड़क मार्ग से लगभग 6 घंटे में पहुंचा जा सकता है। पंजाब और आसपास के राज्यों से बठिंडा बस, टैक्सी और कैब द्वारा पंहुचा जा सकता है। इसके अलावा, बहुत सारी ट्रेन भी हैं जोबठिंडा को आसपास के विभिन्न राज्यों से जोड़ती हैं। पर्यटक बठिंडा जाने के लिए फ्लाइट से भी जा सकते हैं जो पहले उन्हें लुधियाना पहुंचाएगी फिर वे वहां से टैक्सी या बस ले सकते हैं।
बठिंडा घूमने के लिए सबसे अच्छा समय
बठिंडा घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है।
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