छत्तीसगढ़ में स्थित धमतरी की स्थापना 6 जुलाई 1998 में हुई थी, और यह भारत में सबसे पुरानी नगरपालिका क्षेत्रों में से एक है। इसकी पूर्व दिशा में सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला स्थित है। इसे सिहावा पहाड़ के नाम से भी जाना जाता है। यह कई जिलों से भी घिरा हुआ है जैसे उत्तर में रायपुर जिला, दक्षिण में कांकेर और बस्तर जिला, पूर्व में उड़ीसा राज्य और पश्चिम में दुर्ग जिले से घिरा हुआ है। महानदी इसकी प्रमुख नदी है। इसे कनकननदी, चित्रोत्पला, नीलोत्पला, मंदवाहिनी और जयरथ आदि नामों से भी जाना जाता है।
धमतरी और उसके आस पास के पर्यटक स्थल धमतरी अपनी पारंपरिक लोक संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, क्योंकि यहाँ कई प्रकार के पशु पक्षी पाए जाते हैं। रविशंकर सागर बांध जिसे गंगरेल बांध के नाम से भी जाना जाता है, यहाँ का सूर्यास्त देखने बारहों महीने सैलानियों का आना लगा रहता है, पर्यटक यहाँ विशेष रूप से मानसून के दौरान ज्यादा आते हैं क्योंकि मानसून में बांध बारिश के पानी से भर जाता है। सीतानदी वन्यजीव अभ्यारण टाइगर रिजर्व भी है, इस अभ्यारण में पर्यटक खूबसूरत जंगलों की सैर कर सकते हैं। प्रकृति की अनमोल देन इन जंगलों में पर्यटक खूबसूरत वृक्षों के अलावा वन्य जीवन के दृश्य भी देख सकते हैं। सतपुड़ा पर्वत श्रंखला यहाँ के प्रमुख आकर्षणों में से एक है, जहाँ आप बाघ, जंगली कुत्ते, काले हिरन तथा जंगली सूअर देख सकते हैं। बिलाई माता मंदिर, देवी दुर्गा को समर्पित है, यहाँ पर्यटक माता के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं।
धमतरी कला और संस्कृति
धमतरी शहर में कला और संस्कृति को काफी महत्व दिया जाता है। विन्ध्यवासिनी और अंगारमोती मंदिर अपनी कला और सांस्कृतिक के लिए प्रसिद्ध हैं। धमतरी की सुरम्य परिदृश्य के बीच कलात्मक क्षमता, इंजीनियरिंग कौशल, और धमतरी के लोगों की सृजनात्मक कल्पना को दर्शाती है।
धमतरी घूमने के लिए सबसे अच्छा समय
धमतरी शहर उष्णकटिबंधीय जलवायु का अनुभव करता है, और यहाँ गर्मियाँ, सर्दियाँ और मानसून तीनों मौसम होते हैं। धमतरी शहर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों का होता है।
धमतरी कैसे पहुंचे
धमतरी अच्छी तरह से रेल और सड़क मार्ग से राज्य के प्रमुख शहरों से जुड़ा है।
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