भगवान बुद्ध के जीवन को जानने का सुनहरा मौका है अजंता पर्यटन
अजंता की गुफाएं, महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में स्थित है। अजंता और एलोरा की गुफाओं में ज्यादा दूरी नहीं है व दोनों ही गुफाएं महत्वपूर्ण ऐतिहासिक केन्द्र है। अजंता की गुफाएं लगभग 200 साल ईसा पूर्व की बनी हुई है। इन गुफाओं में हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के चित्र, मूर्ति व अन्य कलाकृति लगी हुई है। अजंता की गुफाओं को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल का दर्जा दिया गया है।
बुद्ध के जीवन के अनसुने पहलू
अजंता में लगभग 30 गुफाएं है जिनमें तीनों धर्मो को दर्शाने वाले चित्र, मूर्तियां और भित्ति-चित्र लगे हुए है। गुफाओं की सभी दीवारों में एक- एक महत्वपूर्ण खिड़की लगी हुई हैं जिन्हे 2 शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान ही बनाया गया था। यह सभी बहुमूल्य रत्नों से जड़ी हुईं हैं। अजंता की सभी गुफाओं की एक खास और आम बात है कि इन सभी में भगवान बुद्ध के जीवन के अनसुने और अपठित पहलू चित्रित है। जब भगवान बुद्ध ने मोक्ष प्राप्त किया था उससे पूर्व के सभी बाकयों का बखूबी चित्रण किया गया है। अजंता की गुफाएं, श्रीलंका में पाई गई सीगीरीया गुफाओं से काफी मिलती जुलती हैं। यह माना जाता है कि अजंता की गुफाएं 800 साल पुरानी है। इन गुफाओं की खोज काफी दिलचस्प तरीके से हुई- 19 वीं शताब्दी में कुछ ब्रिटिश सैनिक शिकार करने के लिए औरंगाबाद के पास के जंगलों में गए। जब वे अपने घोड़े के पैरों की नाल को बदल रहे थे तो उन्हे हरियाली से ढ़की हुई गुफा दिखाई दी उन सैनिकों ने तुरन्त सरकार को सूचित किया और पुरातत्व विभाग की टीम ने अजंता की गुफाएं खोज निकालीं। गुफाओं में खोज के दौरान स्तूप, तारस, द्धारपाल, मठ आदि मिलें। यह सभी बौद्ध धर्म का मजबूत प्रदर्शन करते हुए नजर आते है।
अंजता साल के किसी भी मौसम में मस्ती करने जाएं
अंजता में मौसम पर्यटकों के घूमने और मस्ती करने में बाधा नहीं बनता है। साल के किसी भी मौसम में यहां आ सकते है। गर्मियों में यदि पर्यटक न आएं तो अच्छा रहेगा हालांकि इन महीनों में ज्यादा गर्मी नहीं पड़ती है फिर भी तेज धूप परेशान कर सकती है। मानसून में अंजता की गुफाएं चमक उठती है। और आसपास के जंगल और प्राकृतिक स्थल बेहद सुंदर लगते है। इस मौसम में अंजता को घूमना पर्यटकों के लिए एक यादगार सफर बन जाएगा। यहां आने के लिए यात्रियों को हवाई जहाज, रेल और बस तीनों ही मिला जाऐगी। अलग-अलग रास्तों से आप यहां पहुंच सकते है। आसपास के शहरों से अंजता की गुफाओं के लिए कई बसें चलती है जो कम समय में पयर्टकों को उनके गंतव्य स्थल तक पहुंचा देगी। कहते है दूनिया में जन्म लेने के बाद और मरने से पहले धरती की कुछ जगहों पर भ्रमण कर लेना चाहिए इनमें से एक अंजता की गुफाएं भी है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.