साबरमती नदी के पश्चिमी तट पर स्थित गांधीनगर गुजरात की नवीनतम राजधानी है। आज़ादी के बाद 1960 में जब मुम्बई को महाराष्ट्र और गुजरात में विभाजित किया गया, तब गांधीनगर को गुजरात की राजधानी चुना गया। सभी क्षेत्रों, सड़कों, बाज़ारों और आवासीय इलाकों की उचित व्यवस्था के साथ गांधीनगर वास्तुकला के रूप में भी एक सुनियोजित शहर है। इस सुव्यवस्थित शहर की योजना और निर्माण दो भारतीय आर्किटेक्ट एच.के. मेवाड़ और प्रकाश एम आप्टे के मार्गदर्शन में हुआ था। चंडीगढ़ के बाद गांधीनगर भारत का दूसरा सबसे अधिक सुनियोजित शहर है।
इतिहास
आज जहाँ गांधीनगर स्थिति है, 13वीं सदी में वहाँ पेठापुर नाम से पेठापुर राजा का राज्य था। यही वह जगह है जहाँ गुजरात राज्य की वर्तमान राजधानी स्थित है जिसका नाम हमारे राष्ट्रपिता गांधीजी के नाम पर रखा गया था।
जलवायु
गांधीनगर में जलवायु आमतौर पर गर्म और शुष्क होती है। सर्दी, गर्मी और मानसून यहाँ के तीन मौसम हैं। दक्षिण-पश्चिमी मानसून के कारण गांधीनगर में मानसून के दौरान भारी बारिश होती है। सर्दियाँ अपेक्षाकृत सौम्य होती है।
कैसे पहुँचे गांधीनगर
अहमदाबाद का सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा घरेलू और विदेशी यात्रियों को गांधीनगर तक पहुँचाता है। गांधीनगर परिवहन में सबसे महत्वपूर्ण पहलू है- बस रैपिड ट्रांसिट सिस्टम और गांधीनगर मैट्रो का आने वाला प्रोजेक्ट। वी.टी.ओ.एस. द्वारा चलाई जाने वाली गांधीनगर की एक लोकल बस सर्विस भी है जो अधिकतर सीएनजी पर चलती है। राष्ट्रय राजमार्ग के माध्यम से यह मुम्बई से भी जुड़ा हुआ है। अहमदाबाद रेलवे स्टेशन इसके लिए निकटतम रेलवे स्टेशन है जिसके द्वारा यह शहर भारत के सभी शहरों से जुड़ा हुआ है।
गांधीनगर में और आसपास के पर्यटन स्थान
महात्मा मंदिर, अक्षरधाम मंदिर, इंड्रोडा डायनासोर और जीवाश्म पार्क और सरिता उद्यान गांधनगर में देखने योग्य कुछ स्थान हैं। महात्मा मंदिर एक कनवेंशन सेंटर है जहाँ बापूजी के जीवन और साहित्य की पूरी जानकारी है। इस काम्पलेक्स में एक सभागार, प्रार्थना हॉल , मेडिटेशन रूम और एक विशाल चरखा है। गांधीनगर से 18 कि.मी. दूर स्थित अदालज स्टेप वैल भी एक लोकप्रिय पर्यटन आकर्षण है। यह स्टेप वैल एक पाँच मंजि़ला इमारत है जिसकी दीवारों पर जैन ओर हिंदु धर्म से संबंधित अनेक शिलालेख, नककाशी और पौराणिक कथाओं का चित्रण किया गया है। इंड्रोडा डायनासोर एक अन्य पर्यटन स्थान है जिसे भारत का जुरासिक पार्क कहा जाता है। यह जगह डायनासोर के अंडों की हैचरी के रूप में दुनियाभर में दूसरे स्थान पर है। इस पार्क में विभिन्न विभाग हैं जो अनेक विषयों जैसे डियर पार्क, स्नेक पार्क आदि को समर्पित है। इस एजुकेशनल पार्क में समुद्री स्तनधारियों के विशाल कंकाल भी हैं। अनेक जंगली जानवर जैसे सरीसृप, नीलगरी, लंगूर और मोर इस जंगल में पाए जाते हैं। यह पार्क गुजरात इकोलोजिकल एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के तहत आता है।
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