विश्व विरासत अजंता गुफाओं का संक्षिप्त वर्णन
अजंता की सभी 29 गुफाओं में भगवान बौद्ध को दर्शाया गया है। इनमें से कुछ गुफाओं का विवरण निम्म प्रकार है –
गुफा 1 – पहली गुफा में 6 वीं से 7 वीं सदी के बीच के समय को दर्शाया गया है। इस गुफा में भगवान बौद्ध की एक खास मूर्ति है जिसे अलग-अलग एंगल से देखने पर वह अलग दिखती है। नगा संरक्षक के सिद्धान्त भी इस गुफा में खुदे हुए है साथ ही गुफा के बाएँ हाथ की ओर कोने पर नक्काशीदार देवी की प्रतिमा भी मिलेगी जो पृथ्वी मां का स्वरूप दर्शाती है। एक बौना अपने हाथों में माला लिए भगवान के इन्तजार में खड़ा है वहीं दूसरी ओर पदमपानी अवोकितेवारा हाथ में कमल और वज्रपानी हाथ में वज्र धारण किए हुए है। इन सभी के अलावा कई और भी चित्र है जो गुफा की सुंदरता को बढ़ाते है जैसे – प्रेमी का टैवो के रूप में सैक्स करने की इच्छा जाहिर करना, डार्क राजकुमारी का आंध्र के राजकुमार से प्रेरित होना, गोल्डन गीस, गुलाबी हाथी और वुल फाइट।
गुफा 2 – गुफा 2, पहली गुफा से काफी मिलती जुलती है। इस गुफा के दरवाजे, छत और मंदिर की नक्काशी आश्चर्यजनक हैं। दीवारों पर भगवान बुद्ध के 1000 चित्र बनें हुए हैं। गलियारे में एक छोटी बच्ची बनी हुई है जिसे घुमती लड़की कहा जाता है, यह चित्र बुद्ध की शारीरिक ऊर्जा पर प्रकाश डालता है।
गुफा 4 – अजंता की गुफा 4 और 17 बिल्कुल एक समान हैं। इन दोनों ही गुफाओं में बने चित्र अधूरे है। गुफा 6 – यह गुफा महायान काल को दर्शाती है। इसमें, बैठे हुए महात्मा बुद्ध की एक छवि बनी हुई है जिनके आसपास कई जोड़े उड़ रहे है। यह गुफा अन्य गुफाओं की अपेक्षा ज्यादा अच्छी और अष्टकोणीय आकार में बनी हुई है। इसमें एक भिक्षु को कमल के फूल के साथ दर्शाया है। गुफा 9 – इस गुफा में घुसते ही आपको एक बड़ा सा हॉल मिलेगा जिसे चैत्य हॉल के नाम से जाना जाता है। हॉल के आगे बढ़ने पर एक विशाल घोड़े के नाल वाली विडों मिलेगी। गुफा 10 – शैली और वास्तुकला में यह गुफा पिछली गुफा 9 से बहुत मिलती-जुलती है। इस गुफा में बुद्धा के जीवन से जुड़े लोगो के चित्र लगें हुए है।
गुफा 11 – यह गुफा हीनयान से महायान काल के परिवर्तन को दर्शाती हुई नजर आती है। इसमें एक बौद्ध स्तुप भी बना हुआ है।
गुफा 17 – यह गुफा थोड़ी अनोखी है क्योकि इसमें लगी हुई पेंटिग्ंस प्यार को दर्शाती है। इन चित्रों में परियां, आत्माएं उड़ती है और इंद्र की सभा में अप्सराएं नाचती हैं। इस गुफा में भगवान बुद्ध के जीवन की उस घटना को भी दर्शाया गया है जिसमें वह राजकुमार सिद्धार्थ से एक सन्यासी बनने के बाद, पहली बार अपने घर अपनी पत्नी और बच्चों के पास भिक्षुक के रूप में आते है।
गुफा 21 – गुफा 21 को अन्य गुफाओं की अपेक्षा ज्यादा बारीकी से बनाया गया है। इस गुफा में बनें, 26 नक्काशीदार खंभे गुफा को जीवंत करने में सक्षम है।
गुफा 24 – इस गुफा में तीन भाग है- पिलर स्टाइल या स्तंभ शैली, पिलास्टर स्टाइल यानि स्तंभ-भित्ति, और पोर्चड़ डोरवे यानि द्वारमण्डपयुक्त द्वार। यह स्तंभ अधूरे बने हुए हैं।
गुफा 26 – इस गुफा में आकर्षण का केन्द्र, श्रावस्ती के चमत्कार, परिवार समूह, और घुंघराले बालों वाले बुद्ध भगवान के सिर का चित्र हैं। श्रावस्ती एक गांव था, जहां के रहने वाले लोग खुद को भाग्यशाली मानते थे क्योकि उन्होने महात्मा बुद्ध के दर्शन किए थे। इस गुफा में चित्रित परिवार समूह उस समय के आर्दश परिवार माने जाते थे और भगवान का मुखमंडल उनके आध्यात्मिक तेज को दर्शाता है।
गुफा 27 – यह गुफा दो भागों में बंटी हुई है जिन्हे नागा द्धारपाल और पोर्चड डोरवे के नाम से जाना जाता है। यह गुफा 20 से काफी मिलती जुलती है। इसका नागा वाला हिस्सा भी गुफा 20 के समान ही दिखता है। गुफा का पोर्चड डोरवे वाला भाग गुफा 2 सा दिखता है जो काफी आकर्षक है। अन्य सभी गुफाएं भी बौद्ध धर्म को दर्शाती हुई हमें गर्व महसूस करवाती है कि हम भारतवासी है।
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