श्वेत क्रांति का शहर – आनंद पर्यटन

मूल (आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड) ब्रांड के अंतर्गत भारत में हुए डेयरी को-ऑपरेटिव मूवमेंट के लिए आनंद शहर जाना जाता है। आनंद श्वेत क्रांति का केन्द्र था। आखिरकार इस क्रांति ने भारत को दूध और इससे संबंधित उत्पादों का एक बड़ा उत्पादक देश बना दिया।

कैसे पहुंचें
हवाई, रेल और सड़क मार्ग से आनंद अच्छे से जुड़ा हुआ है।

आनंद और आसपास के पर्यटन स्थल
आनंद राज्य की राजधानी गांधीनगर से 101 किमी दूर वड़ोदरा और अहमदाबाद के बीच पश्चिमी रेलवे में पड़ता है। श्री रोकाड़िया हनुमान मंदिर, सरदार वल्लभभाई पटेल व वीर विठलभाई पटेल मेमोरियल और स्वामी नारायण मंदिर आनंद के कुछ दर्शनीय स्थल हैं। आनंद से 43 किमी उत्तर-पूर्व में रंचोरडोराय डोकोर मंदिर है।

सरदार वल्लभभाई पटेल और वीर विठलभाई पटेल मेमोरियल
सरदार वल्लभभाई पटेल और वीर विठलभाई पटेल मेमोरियल सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित है। यह गुजरात के शाहीबाग क्षेत्र में मोती शाही महल के अंदर स्थित है। इसकी स्थापना 7 मार्च 1980 में की गई थी|

गल्तेश्वर मंदिर
गल्तेश्वर शिवा मंदिर आनंद के पास डकोर से 16 किमी दूर है। इसी जगह पर माही और गलाती नदी आपस में मिलती है। इस खूबसूरत मंदिर के शिवलिंग पर गलाती नदी की एक धारा से हमेशा पानी गिरता रहता है। आठ फलक होने के कारण मंदिर की दीवार काफी विशिष्ट है। साथ ही दीवरों पर भगवान, गांधर्व, ऋषि, मनुष्य और जीवन के विभिन्न चक्रों को उकेरा गया है|

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.