गब्बर पहाड़ियों पर कैलाश हिल सूर्यास्त बिन्दु जैसे स्थान हैं जहाँ से पर्यटक न केवल प्राकृतिक सुन्दरता का आनन्द ले सकते हैं बल्कि रोपवे पर भी घूम सकते हैं। गब्बर पहाड़ियों पर कुछ और धार्मिक स्थल हैं जहाँ तीर्थयात्री अक्सर जाते हैं। मुख्य मन्दिर के पीछे मान सरोवर नाम का एक कुण्ड है। पवित्र कुण्ड के दोनों ओर दो मन्दिर स्थित हैं, एक महादेव जी को और दूसरा माता अम्बाजी की बहन अजय देवी को समर्पित है।
श्री कोटेश्वर माहदेव का प्राचीन मन्दिर अम्बाजी मन्दिर से 8 किमी की दूरी पर स्थित है और वेदिक नदी सरस्वतू के मुहाने पर है। यह सरस्वती नदी और गोमुख के पवित्र कुण्ड से जुड़ा है। अम्बाजी भारत का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है जो कि असंख्य भक्तों को प्रिय है और विभिन्न प्रकार धार्मिक मान्यता वाले तीर्थयात्री यहाँ आते हैं।
गब्बर पहाड़ियाँ समुद्रतल से 1600 फीट की ऊँचाई पर आरावाली के दक्षिण-पश्चिम में स्थित अरासुर पहाड़ियों पर वैदिक नदी सरस्वती के मुहाने के निकट स्थित है। गब्बर पहाड़ियों की खड़ी चढ़ाई पर चढ़ना कठिन है। तीर्थयात्रियों को नीचे से पत्तर की 300 सीढ़ियाँ चढ़नी पढ़ती हैं जो एक खतरनाक रास्ते की तरफ ले जाता है। मुख्य मन्दिर तक पहुंचने के लिये इन सीढियों पर चढ़ना जरूरी होता है।
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